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Tuesday 9 June 2020

Shayari

June 09, 2020 0 Comments

(1) वो करता है,मुहब्बत यूँ,
कि जैसे कोई बगावत हो,
वो मरता है, मुझपे यूँ,
की जैसे कोई आफ़त हो,
उसे मेरा ही होना था,
उसे मुझमे ही खोना था,
मगर फिर भी हक़ीक़त को,
ख्वाबों में ही सोना था।।

(2) हर वो कहानी जो,
दिखने में अधूरी है,
कौन जाने वो,
ऐसे ही पूरी है,
हर वो कहानी जो,
दिखने में पूरी है,
कौन जाने वो,
ऐसे भी अधूरी है।।

(3)मैंने अपनी मोहब्बत का ये अंजाम कर लिया,
उसको खुद से आज़ाद करके ,उसी के नाम कर दिया।।

Koi aise bhi to chaho (कोई ऐसे भी तो चाहो)

June 09, 2020 0 Comments

कोई ऐसे भी तो चाहो,
कि जैसे है बस चाहो,
माना है अधूरे हम,
मुक़म्मल ही हमे मानो,
कोई ऐसे भी तो चाहो,
कि जैसे है बस चाहो

बदलकर लोग पत्थर को,
खुदा माना किया करते,
पत्थर को समझ पत्थर ,
कोई पत्थर को भी चाहो,
कोई ऐसे भी तो चाहो,
कि जैसे है बस चाहो।

अदाएं है कहाँ हममे,
पर आंखों में नशा मानो,
अमावस के अंधेरे को,
पूनम का समां मानो,
कोई ऐसे भी तो चाहो,
कि जैसे है बस चाहो।।

दिलो के खेल में हमदम,
कोई धड़कन भी तो झांको,
खिलती मुस्कुराहट से,
ग़मो को भी जरा छांटो,
अरे! कोई ऐसे भी तो चाहो,
कि जैसे है बस चाहो।।

माना भले नही है हम,
माना है जरा मैले,
बदनामी के चर्चे,
हर तरफ फैले,
अरे अच्छा नही तो क्या,
बुरा समझ ही तुम चाहो,
कोई ऐसे भी तो चाहो,
कि जैसे है बस चाहो।।